सेविंग अकाउंट को करंट अकाउंट में कैसे बदलें (How To Convert Savings Account To Current Account) यदि आप जानने के लिए इंटरनेट पर सर्च कर रहे है तो आपको अवश्य ही पता चल गया होगा बचत खाता (Saving Account) और चालू खाता (Current Account) दोनों खातों की अलग-अलग विषेशताए है, संक्षेप में बात किया जाए तो बचत खाता खासकर सामान्य आम व्यक्ति ओपेन कराते है ताकी घरेलु खर्च के बाद महीने में कुछ पैसा बचत खाता में जमा करने के उपरांत उस खातें में जमा धन पर बैंक द्वारा दिये जाने वाला ब्याॅज का लाभ उठाया जा सके लेकिन इस खातें में जमा निकासी पर कई प्रकार के प्रतिबंध होता है, दूसरी ओर चालू खाता नौकरी करने वाले व्यक्ति, विजनेस मैन एवं विभिन्न प्रकार के संस्थाये ओपेन कराते है क्योंकि इस खातें में जमा धन पर बैंक की ओर से ब्याॅज नही दिया जाता है परंतु अनलिमिटेड जमा निकासी की सुविधा मिल जाता है यानि संपष्ट रूप में बात किया जाए तो चालु खातें में जमा निकासी पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नही होता है । अब यदि मुद्दे बात किया जाए तो कुछ लोगों का बैंक में खाता होने के बावजूद उनके सामने ऐसी परिस्थिति आ जाती है की वे अपना सेविंग अकाउंट को करंट अकाउंट में या करंट अकाउंट को सेविंग अकाउंट में बदलने के लिए सोचने लगते है, अगर आप ऐसा सोच रहे है तो आईयें बिना देर किए जानते है बचत खाता को चालू खाता में या चालू खाता को बचत खाता में बदला जा सकता है या नही.
सेविंग अकाउंट को करंट अकाउंट में कैसे बदलें (How To Convert Savings Account To Current Account) |
सेविंग अकाउंट को करंट अकाउंट में कैसे बदलें (How To Convert Savings Account To Current Account)
जैसा की हमलोग जानतें है हमारें देश का सर्वोच्च केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया है विभिन्न प्रकार के बैंक रिज़र्व बैंक द्वारा बनायें गये नियम क़ानून पर चलता है, इसलिए रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी नियमों के अनुसार किसी भी बचत खाता (सेविंग अकाउंट) को चालू खाता (करंट अकाउंट) में बदला नहीं जा सकता, ठिक इसी प्रकार चालू खाता को भी बचत खाता (सेविंग अकाउंट) में परिवर्तित नहीं किया जा सकता । क्योंकि दोनो तरह के अकाउंट अलग-अलग जरूरतों, विशेषताओं और फायदे वाले होते हैं । लेकिन कोई भी व्यक्ति चाहें तो सेविंग अकाउंट को बंद कराने के बाद चालू खाता ओपेन करा सकता है या चालू खाता को बंद कराने के बाद बचत खाता ओपेन करा सकता है या एक प्रकार का अकाउंट होते हुए भी दूसरी प्रकार का अकाउंट खुलवा सकता है यानि संपष्ट है की व्यक्ति के उपर निर्भर है एक अकाउंट रखें या दोनों ही प्रकार का अकाउंट इस्तेमाल करें, परंतु यहां पर याद रखने योग्य बातें है दोनों प्रकार के अकाउंट रखने वाले व्यक्ति को दोनों प्रकार के अकाउंट के लिए जमा और निकासी संबंधी शर्तों का अलग-अलग नियम का पालन करना परेगा, साथ ही अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस बनायें रखने की आवश्यकता होगी ।
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