Saving Account कितने प्रकार के होते हैं? इसके बारे में चर्चा करना जरूरी है क्योंकि आज के टाईम में कोई भी सामान्य व्यक्ति किसी बैंक में अपना अकाउंट ओपेन कराने जाते है तो उन्हे फाॅर्म मे सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट को चुनना आवश्यक होता है उसके बाद बैंक द्वारा उनका अकाउंट खोल दिया जाता है ऐसे भी सामान्य कामकाज वाले लोग सेविंग अकाउंट ही ओपेन कराना पसंद करते है परंतु सेविंग अकाउंट भी कई प्रकार के होते है ये बात अधिकतर लोगो को शुरुआत में अपना सेविंग अकाउंट ओपेन कराते समय पता नही होता कोई भी सेविंग अकाउंट ओपेन करा लेते है जिसके वजह से उनके फायदे अनुसार सेविंग अकाउंट का चुनाव नही हो पाता है और सेविंग अकाउंट से मिलने वाले फायदो से वंचित हो जाते है इसलिए बेहद जरूरी है अपना सेविंग अकाउंट ओपेन कराने से पहले सेविंग अकाउंट के प्रकार के संदर्भ मे जान लेना चाहिए तभी अपने फायदे अनुसार अकाउंट का चुनाव हो पाता है और उस अकाउंट से मिलने वाला ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सकता है जी हां दोस्तो यदि आपको भी नही पता सेविंग अकाउंट कितने तरह के होता है तो चलिए विस्तार से जानते है सेविंग अकाउंट यानि की बचत खाता कितने टाईप के होता है?
सेविंग अकाउंट के प्रकार |
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सेविंग अकाउंट कितने प्रकार के होता है?
सेविंग अकाउंट मुख्यत: पांच प्रकार के होते है इसका उदाहरण नीचे समझ सकते है!
- Regular savings account
- Salary savings account
- Senior Citizens Savings Account
- Minors Saving Account
- Zero Balance Savings Account
रेगुलर सेविंग्स अकाउंट
रेगुलर सेविंग अकाउंट सभी भारतीय बैंको में ओपेन किया जाता है इस अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाये रखना जरूरी होता है वरना बैंक द्वारा पेनाल्टी लगा दिया जाता है! रेगुलर सेविंग्स अकाउंट के लिए चेक बुक, डेबिट कार्ड, नेटबैकिंग जैसी फैसिलिटी प्रदान की जाती है एवं अकाउंट मे जमा रूपए पर खाताधारक को ब्याॅज दिया जाता है सामान्य आम लोग रेगुलर सेविंग्स अकाउंट ओपेन कराना ही पसंद करते है!
सैलरी सेविंग्स अकाउंट
सैलरी सेविंग्स अकाउंट कंपनियो के तरफ से अपने कर्मचारी के लिए ओपेन करवाया जाता है ताकी हर महीने कर्मचारीयो की सैलरी उनके अकाउंट मे ट्रांसफर किया जा सके! सैलरी सेविंग्स अकाउंट के लिए भी चेक बुक, डेबिट कार्ड, नेटबैकिंग जैसी तमाम फैसिलिटी दी जाती है एवं इस अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाये रखने का भी कोई जरूरत नही होता लेकीन इस अकाउंट मे छ: महीने तक एक बार भी सैलरी क्रेडिट नही होने पर बैंक द्वारा रेगुलर सेविंग अकाउंट मे तब्दील कर दिया जाता है और रेगुलर सेविंग अकाउंट के नियम चलते है!
सीनियर सिटिजंस सेविंग्स अकाउंट
यह अकाउंट रेगुलर सेविंग अकाउंट की तरह ही काम करता है लेकिन इस अकाउंट मे भी मिनिमम बैलेंस बनाये रखने की कोई जरूरत नही होता है! सीनियर सिटिजंस सेविंग्स अकाउंट मे जमा रूपए पर बैंको द्वारा ज्यादा से ज्यादा ब्याॅज दरे दी जाती है एवं इस अकाउंट के लिए भी चेकबुक, डेबिट कार्ड, नेटबैकिंग जैसी तमाम सुविधाए होती है! सीनियर सिटिजंस अकाउंट खासकर 60 और इससे उपर वाले व्यक्ति ओपेन कराना पसंद करते है क्योंकि यह अकाउंट सिनिअर्स सिटीजन की पेंशन स्कीम से भी लिंक होता है अकाउंट मे पैसे प्राप्त हो जाते है?
माइनर्स सेविंग अकाउंट
माइनर्स सेविंग अकाउंट गार्जियन के देखरेख और ऑपरेट के अनुसार 18 से नीचे वाले बच्चो के लिए ओपेन किया जाता है इस अकाउंट मे मिनिमम बैलेंस बनाए रखना जरूरी नही होता इस अकाउंट के लिए केवल डेबिट कार्ड दिये जाते है! माइनर्स सेविंग अकाउंट को खूद से ऑपरेट करने के लिए बच्चे का उम्र दस साल से अधिक होना आवश्यक होता है एवं बच्चे का उम्र अठारह हो जाने के उपरांत माइनर्स सेविंग अकाउंट रेगुलर सेविंग अकाउंट मे तब्दील हो जाता है!
जीरो बैलेंस सेविंग्स अकाउंट
जीरो बैलेंस अकाउंट जन-धन खाता के नाम से ही पपूलर हुआ है यह खाता बिना पैसे खर्च किये ओपेन कराया जा सकता है एवं इस खाते मे मिनिमम बैलेंस बनाए रखने के भी कोई जरूरत नही है लेकिन जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट मे जमा और निकासी के साथ कई तरह के लिमिटेशन है मगर इस खाते मे जमा रूपए पर अच्छा ब्याज दिया जाता है और रूपए डेबिट कार्ड एवं नेटबैकिंग जैसी फैसिलिटी उपलब्ध कराया जाता है!
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