सावधि जमा और आवर्ती जमा में क्या अंतर है (Difference Between Fixed Deposit And Recurring Deposit) जानने आये है तो शायद आपको पता होगा प्रत्येक बैंक अपने ग्राहकों को कई प्रकार के बचत योजना खाता खोलने की सुविधाए देता है । आमतौर पर देखा जाए तो प्रत्येक व्यक्ति अपनी जमा राशि पर उच्च ब्याॅज अर्जित करना पसंद करता है, ऐसे लोगों को बैंकों की ओर से सावधि जमा खाता या आवर्ती जमा खाता ओपेन कराने की सलाह दिया जाता है । सावधि जमा खाता (फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट) क्या होता है और आवर्ती जमा खाता (रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट) क्या होता है मैनें इसके बारें में विस्तार से जानकारी दे चुका हूँ, आईयें इस आर्टिकल में सावधि जमा खाता और आवर्ती जमा खाता के बीच क्या अंतर है यानि फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट और रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट में क्या अंतर है जानने की कोशिश करते है-



सावधि जमा और आवर्ती जमा में क्या अंतर है (Difference Between Fixed Deposit And Recurring Deposit)
सावधि जमा और आवर्ती जमा में क्या अंतर है (Difference Between Fixed Deposit And Recurring Deposit)




सावधि जमा और आवर्ती जमा में क्या अंतर है (Difference Between Fixed Deposit And Recurring Deposit)


1. बैंकों द्वारा संचालित सावधि जमा योजना के तहत कोई भी व्यक्ति एक निश्चित रकम निश्चित समय के लिए जमा करा सकता है, जबकि आवर्ती जमा योजना के तहत छोटी छोटी समानांतर राशि प्रति माह या सालाना निश्चित समय तक जमा कर सकता है ।


2. लगभग प्रत्येक बैंक अपने ग्राहकों के लिए सावधि जमा खाता 7 दिनों से लेकर 10 वर्षो तक का ओपन करता है, वही आवर्ती जमा खाता की बात किया जाए तो यह 6 माह और अधिकतम 10 सालों के लिए ओपेन किया जाता है, व्यक्ति अपनी जरूरत के मुताबिक समय का चुनाव कर सकता है ।


3. बैंकों द्वारा सावधि जमा (Fixed Deposit) और आवर्ती जमा (Recurring Deposit) दोनों पर लगभग एक समान ब्याज दिया जाता है, परंतु मेच्योरिटी के समय प्राप्त किया गया ब्याज आवर्ती जमा (Recurring Deposit) से सावधि जमा (Fixed Deposit) का कुछ अधिक होता है । 


4. बैंकों द्वारा सावधि जमा (Fixed Deposit) खाताधारकों को उसके डिपॉजिट राशि पर क्रमश 90 फीसदी तक ऋण (Loan) देने की सुविधा प्रदान करता है, वही दूसरी ओर यही समांतर सुविधाए आवर्ती जमा (Recurring Deposit) खाताधारको को भी देता है ।


5. सावधि जमा योजना में सोची समझी एक निश्चित धनराशि निश्चित समय के लिए निवेश करना होता है इसलिए सावधि जमाकर्ता को बार-बार जमा करने की आवश्यकता नही परती, जबकि आवर्ती खाताधारकों को प्रति माह या सालाना निश्चित समय तक किस्तों में पैसे जमा करना होता है, अगर आवर्ती जमाकर्ता लगातार छह किश्तों का भुगतान नहीं करता है तो बैंकों को आवर्ती जमा खाता बंद करने का अधिकार होता है ।


(नोट:- यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए है किसी भी प्रकार के निवेश करने से पहले अपने सलाहकार से विचार विमर्श अवश्य करें)



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