भारत में कितने प्रकार के बैंक है सभी भारतीय को जानना चाहिए उनके देश भारत में कितने तरह के बैंक है । जी हां जैसा की आपको पता होगा आजकल सभी लोगो का किसी न किसी बैंक में अकाउंट जरूर होता है और अपने बैंक में पैसे जमा और निकालने के लिए अवश्य जाते है। यदि उनसे पुछां जाए आपका अकाउंट किस तरह के बैंक में है तो वह बिल्कुल नही बता पाएंगे। यदि आप भी नही जानते आपका खाता किस प्रकार के बैंक में मौजूद है और बैंक कितने प्रकार के होते है? तो हमारे साथ बने रहे आपके समक्ष बताने जा रहे है हमारे देश भारत में कुल कितने प्रकार के बैंक है?



भारत में कितने प्रकार के बैंक है?
भारत में कितने प्रकार के बैंक है?



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भारतीय बैंक के प्रकार (Types of Indian Banks)




वाणिज्यिक बैंक (Commercial Banks)


कमर्शियल बैंक वे बैंक होते हैं जो लाभ कमाने के उद्देश्य से लोगो का धन जमा स्वीकार करते हैं और लोगो को आवश्यकता परने पर कर्ज देने के साथ-साथ अन्य प्रकार के बैकिंग सेवाए प्रदान करते है। कमर्शियल बैंक को वाणिज्यिक बैंक, व्यापारिक बैंक या व्यावसायिक बैंक भी कहा जाता है। लोगो का अकाउंट कमर्शियल बैंक में ही खोला जाता है। वाणिज्यिक बैंक चार प्रकार के होते है:-


सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Banks) - इस प्रकार के बैंको को सरकारी बैंक भी कहा जाता है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको में सरकार का हिस्सेदारी होता है और ये राष्ट्रीयकृत बैंक होते है। उदाहरण भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक इत्यादी ये सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक है।


निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Banks) -  इस प्रकार के बैंको में अधिकांश शेयर निजी व्यक्तियों का होता है एवं निजी व्यक्ति द्वारा ही संचालन किया जाता है इसलिए इन बैंको को प्राइवेट बैंक कहा जाता है। उदाहरण एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक इत्यादी निजी क्षेत्र के बैंक है।


विदेशी बैंक (Foreign Banks) - जिस बैंक का मुख्यालय विदेशो में है और उसकी शाखाए भारत में है इन सारे बैंको को विदेशी बैंक कहा जाता है। वर्तमान समय में 46 कार्यरत विदेशी बैंक भारत में मौजूद हैं। उदाहरण सिटी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, एचएसबीसी, बैंक ऑफ अमेरिका इत्यादी ये सभी विदेशी बैंक है।


क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Banks) - यह एक प्रायोजित बैंक होता है। इस तरह के बैंको में केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं प्रायोजक सार्वजनिक बैंक की हिस्सेदारी होती है एवं प्रायोजक बैंक की देखरेख में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको का संचालन और नियंत्रण किया जाता है। यह बैंक खासकर ग्रामीण क्षेत्रो के विकास और बैकिंग सुविधाओ से वंचित लोगो को जोड़ने हेतू स्थापित किये गए है । प्रत्येक राज्य के ग्रामीण इलाको में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक होता है, उदाहरण उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक, मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक इत्यादी ये सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक है।



सहकारी बैंक (Cooperative Banks)


सहकारी बैंक का अर्थ "साथ मिलकर काम करना होता है। इस प्रकार के बैंको का मुख्य उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। ऐसे बैंक को-ऑपरेटिव सोसाइटी अधिनियम के तहत पंजीकृत होते हैं। उदाहरण न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक, कॉसमॉस को-ऑपरटिव बैंक आदि हैं। सहकारी बैंक मुख्यत: तीन प्रकार के होते है:-


प्राथमिक सहकारी साख समिति - इन संस्थानों का गठन ग्रामीण स्तर या शहरी स्तर पर किया जाता है। ऐसे बैंकों का संचालन बहुत छोटे क्षेत्र तक सीमित होती है।


राज्य सहकारी बैंक - राज्य सहकारी बैंक को-ऑपरेटिव बैंकों के सबसे बड़ा रूप हैं। ये राज्य स्तर पर काम करते हैं। कुछ राज्य के सहकारी बैंक भारत के सभी राज्यों में काम करते हैं।


जिला अथवा केंद्रीय सहकारी बैंक - यह बैंक जिला स्तर पर कार्य करते हैं। ये प्राथमिक क्रेडिट सोसायटी और राज्य को-ऑपरेटिव बैंकों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करते हैं।



विकास बैंक (Development Banks)


विकास बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा स्थापित एवं संचालित एक ऐसा वित्तीय संस्थान है जो जनता से सीधे जुड़कर कार्य नही करता बल्कि विशेष क्षेत्रों को जैसे की औद्योगिक, कृषि एवं अन्य प्रकार के विकास निर्माण हेतू लम्बी अवधि के लिए अधिक से अधिक ऋण प्रबंध करने के कार्य करता है! विकास बैंकों को सर्वाधिक ऋणदाता संस्थान या विकास वित्त संस्थान भी कहा जाता है!



केन्द्रीय बैंक (Central Bank)


सभी देश का एक अपना केन्द्रीय बैंक होता है। केंद्रीय बैंक सरकार के परामर्श पर कार्य करता है एवं इस बैंक पर सरकार का स्वामित्व होता है। देश के अर्थ-व्यवस्था बनाये रखना एवं समाजिक कल्याण केंद्रीय बैंक का मुख्य कार्य होता है। केंद्रीय बैंक को बैंकों का बैंक भी कहा जाता है। क्योंकि केंद्रीय बैंक सभी बैको का लाइसेंस जारी करता है एवं सभी बैंक केन्द्रीय बैंक के निगरानी में कार्य करता है और किसी भी बैंक को ऋण की आवश्यकता परने पर उपलब्ध भी कराता है। एकमात्र केंद्रीय बैंक ही है जिसे देश के पैसे छापने का अधिकार होता है। हमारे देश भारत का केन्द्रीय बैंक RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) है।



पेमेंट बैंक (Payment Banks)


हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कुछ पेमेंट बैंको को भारत में बैंकिंग सर्विस प्रदान करने की अनुमती दी गई है। अगर पेमेंट बैंक की बात किया जाए तो यह वर्तमान समय में डिजीटल बैंक है के रूप में लोगो को बैंकिंग सेवाए प्रदान कर रहा है और लगभग कमर्शियल बैंक की तरह लोगो को बैंकिंग सेवाए दे रही है। लेकिन पेमेंट बैंको के अकाउंट में एक लाख रूपए से ज्यादा जमा नही रख सकते है। भारत में कार्यरत एयरटेल पेमेंट बैंक, पेटीएम पेमेंट बैंक आदी डिजीटल पेमेंट बैंक के नाम है।

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