भारतीय विकास बैंक क्या है What Is Development Bank Of India इसके बारे में सभी लोगो को जरूर जानना चाहिए! विकास बैंक सुनने में यह साधारण बैंक कि तरह लगता है! मगर विकास बैंक के कई रूप है एवं सामान्य बैंको से थोड़ा अलग हटकर काम करता हैं लेकिन यह बैंक बैंकिग सिस्टम से अलग नहीं है! आज-कल विकास बैंक से संबंधित सवाल कॉमर्स से पढ़ने वाले और बैकिंग क्षेत्र में तैयारी करने वाले विद्यार्थीयो से अवश्य पुंछे जाते है! इसलिए खासकर स्टूडेंट्स को विकास बैंक की जानकारी रखना बेहद जरूरी है! आईये विस्तारपूर्वक जानते है विकास बैंक क्या है? विकास बैंक के कार्य उद्देश्य और भारत के प्रमुख विकास बैंक कौन कौन है?


विकास बैंक क्या है What Is Development Bank Of India
विकास बैंक क्या है What Is Development Bank Of India



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विकास बैंक क्या है?


विकास बैंक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित एक ऐसा वित्तीय संस्थान है जो जनता से सीधे जुड़कर कार्य नही करता बल्कि विशेष क्षेत्रों को जैसे की औद्योगिक, कृषि एवं अन्य प्रकार के विकास निर्माण हेतू लम्बे समय के लिए ऋण प्रबंध कराने के कार्य करता है! विकास बैंकों को सर्वाधिक ऋणदाता संस्थान (Term Lending Institutions) या विकास वित्त संस्थान (development finance institutions) भी कहा जाता है!



विकास बैंक की परिभाषा 


विकास बैंकिंग को किसी एक परिभाषा से सीमित करना मुश्किल कार्य है। वास्तविकता यह है कि ये एक ऐसी वित्तीय संस्थाएँ होती हैं जो विशेष परियोजनाओं, कार्यक्रमों, प्रोजेक्टस् इत्यादी के लिए मध्यावधि एवं दीर्घावधि ऋणों की पूर्ति करता हैं। इन वित्तीय संस्थाओं का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के आधार पर औद्योगिक संरचना का विस्तार करना है! अतः विकास बैंक देश में पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को विशेष तहत एवं रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराते हैं! स्वतंत्रता के बाद से ही उद्योगों के विकास में इन बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है!



विकास बैंक के कार्य


विकास बैंक के कार्य करने का तरीका वाणिज्यिक बैंकों से कुछ अलग ही होता है जैसे की- ये बैंक वाणिज्यिक बैंकों की तरह जनता से धन जमा स्वीकार नहीं करता या जनता को अल्पकालीन ऋण प्रदान नहीं करता अर्थात विकास बैंक सामान्य बैंकिंग कार्य नहीं करते हैं । वाणिज्यिक बैंकों की स्थापना निजी लाभ हेतू स्थापित किया जाता है जबकी विकास बैंको की स्थापना सामाजिक लाभ पहुंचाने हेतू स्थापित होते है! इस प्रकार विकास बैंक विशिष्ट वित्तीय संस्थाएँ हैं तथा इनके कार्य भी सामान्य बैंकिंग कार्यों से अलग होते हैं। विकास बैंक के प्रमुख कार्य कुछ इस प्रकार हैं-


  • उद्योगों को मध्य एवं दीर्घकालीन ऋण प्रदान करना 


  • अंश-पत्रों का अभिगोपन करना


  • अंश-पत्रों, बन्ध-पत्रों तथा ऋण-पत्रों का निर्गमन करना 


  • उद्योग व्यापार हेतु ऋणों को गारण्टी देना 


  • पूँजी बाजार के विकास हेतु प्रयास करना


  • नवीन उद्योगों की स्थापना में सहायता प्रदान करना


  • औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े क्षेत्रों के लिए प्रयास करना


  • तकनीकी विकास हेतु वित्त प्रदान करना


  • उद्यमित विकास के लिए प्रशिक्षण एवं परामर्श प्रदान करना

  • औद्योगिक इकाई के आधुनिकीकरण के लिए सहायता प्रदान करना


भारत के प्रमुख विकास बैंक (Major Development Banks Of India)


  • भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI- Industrial Development Bank Of india)


  • राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD- National Bank For Agriculture And Rural Development)


  • भारतीय औद्योगिक साख एवं विनियोग निगम (ICICI- Industrial Credit and Investment Corporation of India)


  • भारतीय औद्योगिक पुनर्निर्माण बैंक (IRBI- Industrial Reconstruction Bank Of India)


  • भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI- Small Industries Development Bank Of India)


  • राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB- National Housing Bank)


  • आयात निर्यात बैंक (EXIM- Export & Import Bank)


  • भूमि विकास बैंक (Land Development Bank)


  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Bank)


  • सहकारी बैंक (Cooperative Bank)



भारत का प्रथम विकास बैंक कौन सा था?


भूमि विकास बैंक भारत का प्रथम विकास बैंक है इसकी स्थापना 1929 में मद्रास में किया गया था । ये बैंक किसानो के भूमि या अचल संपत्ति बंधन के रूप में रखती है और दीर्घकालिक ऋण उपलब्ध कराने के कार्य करता है!



विकास बैंक के महत्व एवं भूमिका


विकासशील एवं पिछड़े देशो में पूँजी का अभाव रहता है! भारत की बात किया जाए तो भारत भी एक विकासशील देश है! जहां विकास बैंक का होना अति आवश्यक है क्योंकि विकास बैंकों के माध्यम से ही देश के औद्योगिक विकास को गति प्रदान की जा सकती है। भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास बैंकों के महत्त्व एवं भूमिका क्या है? नीचे निम्नांकित बिन्दुओं में व्यक्त किया गया है-


विकास हेतू वित्त प्रबन्ध- देश की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक विकास हेतु वित्त आपूर्ति आवश्यक है विकास बैंकों के माध्यम से विकास के लिए वित्त उपलब्ध कराया जाता है। विकास बैंक उद्योगों की स्थापना तथा उनके विकास में अग्रणी भूमिका निभाते हैं!


उद्यमिता विकास में सहायक- विकास बैंक भावी उद्यमियों, युवाओं में उद्यमिता विकास हेतु सहायता पहुँचाते हैं। प्रशिक्षण, सलाह, परामर्श इत्यादि के माध्यम से देश में उद्यमिता का विकास कर नये उद्योगपतियों का निर्माण करते हैं!


प्रबन्धकीय एवं तकनीकी विकास में सहायक- विकास बैंकों के माध्यम से प्रबंधकीय कौशल, विकास के कार्यक्रम संचालित किया जाता हैं। इन बैंकों के द्वारा नवीन तकनीक का विकास, प्रशिक्षण, सलाह एवं परामर्श प्रदान किया जाता है, ताकि तीव्र गति से औद्योगिक विकास हो सके।


शोध एवं सर्वेक्षण- विकास बैंक उद्योगों के विकास हेतू औद्योगिक बाजार में शोध एवं सर्वेक्षण की कार्य संपन्न कर उपयोगी एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रदान करता हैं। फलस्वरूप बाजार आवश्यकताओं की पूर्ति होता है । इन बैंकों द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण करवाया जाता है जो उद्यमियों एवं नीति निर्माताओं के लिए उपयोगी होता है।


विदेशी पूँजी प्राप्ति में सहायक- विकास बैंक उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए विदेशी एवं अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से पूँजी उपलब्ध कराने में भी सहायता करता हैं। विश्व बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी, एशियाई विकास बैंक आदि संस्थाओं से वित्त प्राप्त कर औद्योगिक परियोजनाओं का वित्त पोषण किया जाता है।

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