सैलरी अकाउंट क्या होता है (Salary Account Kya Hota Hai) आईये इसके बारें में विस्तारपूर्वक समझने की कोशिश करते है । दोस्तों हमारें देश भारत में मौजूद सभी कमर्शियल बैंक अपने ग्राहकों को कई प्रकार के अकाउंट खोलने की सुविधा प्रदान करती है, जिसमें सैलरी सेविंग अकाउंट भी शामिल है । सैलरी सेविंग अकाउंट को हिंदी में वेतन बचत खाता भी कहा जाता है, और यह खाता अन्य बचत खाता की तरफ ही होता है, जिसमें खाताधारकों को उनके जमा धन पर ब्याॅज के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बैंकिंग सुविधाओ का लाभ दिया जाता है । चलिए बिना देर किए सैलरी सेविंग अकाउंट यानि वेतन बचत खाता क्या होता है जानने की कोशिश करते है ।
सैलरी अकाउंट क्या होता है (Salary Account Kya Hota Hai) |
सैलरी सेविंग अकाउंट किसे कहते हैं (What Is Salary Savings Account)
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि- सैलरी सेविंग अकाउंट यानि वेतन बचत खाता एक प्रकार का ऐसा बैंक खाता होता है, जिसमें नौकरी-पेसा करने वाले व्यक्तियों का प्रत्येक महीने की तनख्वाह उसके कंपनी या संस्था द्वारा भेजी जाती है । सैलरी सेविंग अकाउंट खुलवाने के लिए व्यक्ति अपनी कंपनी या संस्थान के अथॉरिटी लेटर, या अनुमति पत्र की जरूरत पड़ती है । कंपनी या संस्थान की ओर से अनुरोध किए जाने के उपरांत ही नौकरी करने वाले व्यक्ति का सैलरी सेविंग अकाउंट खुलता है ।
सैलरी सेविंग अकाउंट के फायदें (Salary Savings Account Benefits)
1. सैलरी सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की आवश्यकता नही होती है ।
2. कंपनी या संस्था द्वारा प्रत्येक महीने की तनख्वाह नौकरी करने वाले व्यक्ति के सैलरी अकाउंट में भेज दिया जाता है ।
3. अन्य सेविंग अकाउंट की तरह सैलरी अकाउंट होल्डर को नेटबैकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम, क्रेडिट, कार्ड चेकबुक जैसी सर्विस मिल जाती है ।
4. सैलरी अकाउंट में बैलेंस या औसत बैलेंस न होने पर किसी प्रकार की पेनाल्टी नहीं देना पड़ता है ।
5. सैलरी अकाउंट होल्डर किसी भी बैंक के एटीएम मशीन में एटीएम कार्ड अनलिमिटेड इस्तेमाल कर सकता है ।
6. सैलरी अकाउंट होल्डरों को बड़े ही आसानी से रियायती दरों पर पर्सनल लोन, कार लोन, होम लोन या अन्य कोई भी लोन की मंजूरी मिल जाती है ।
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