माइनर अकाउंट क्या होता है (Minor Account Kya Hota Hai) आईये इसके बारें में विस्तारपूर्वक समझने की कोशिश करते है । दोस्तों हमारें देश भारत में मौजूद सभी कमर्शियल बैंक अपने ग्राहकों को कई प्रकार के अकाउंट खोलने की सुविधा देती है, जिसमें माइनर्स सेविंग अकाउंट भी शामिल है । माइनर्स सेविंग अकाउंट को हिंदी में नाबालिग बचत खाता भी कहा जाता है, और यह खाता अन्य बचत खाता की तरफ ही होता है, जिसमें खाताधारक पैसे जमा करने के उपरांत बैंक की ओर से ब्याॅज प्राप्त कर सकता है, और जरूरत परने पर पैसे निकासी करने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बैंकिंग सुविधाओ का लाभ उठा सकता है ।



सेविंग अकाउंट कितने प्रकार के होते है?
माइनर अकाउंट क्या होता है?




माइनर सेविंग अकाउंट किसे कहते हैं?


किसी भी कमर्शियल बैंक में जब 18 वर्ष से कम आयु वाले बच्चे अकाउंट ओपेन कराता है तो उसके अकाउंट को माइनर्स सेविंग अकाउंट यानि नाबालिग बचत खाता कहा जाता है । इस प्रकार के अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की कोई जरूरत नहीं होती है, लेकिन 10 वर्ष से कम आयु वाले बच्चे का अकाउंट माता-पिता या अभिभावक के साथ संयुक्त रूप से और उनकी देखरेख में चलना होता है, जबकी 10 से 18 वर्ष के आयु वाले बच्चे खूद अपना अकाउंट ऑपरेट कर सकता है । एवं बच्चे का उम्र 18 हो जाने के बाद बैंक द्वारा माइनर्स सेविंग अकाउंट को रेगुलर सेविंग अकाउंट यानि सामान्य बचत खाता मे तब्दील कर दिया जाता है ।



बच्चों का अकाउंट खुलवाने के लिए जरूरी दस्तावेज


1. नाबालिक का जन्म प्रमाणपत्र ।


2. नाबालिक का आधार कार्ड ।


3. अभिभावक का केवाईसी आधार और पैन कार्ड ।


4. अभिभावक का हस्ताक्षर ।




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