बैंक की परिभाषा एवं प्रकार (Bank Ki Paribhasha Evam Prakar) जानने आये हैं तो सबसे पहले बताना चाहुंगा, किसी भी देश में कई प्रकार के बैंक मौजूद होते हैं, और उस देश की आर्थिक और सामाजिक विकास में सभी बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है । हमारे देश भारत में भी कई प्रकार के बैंक कार्यरत है, और इन सभी बैंकों द्वारा भारतीय नागरिकों को विभिन्न प्रकार के बैंकिंग सुविधाए दी जा रही है । आईंये इस लेख में विस्तारपूर्वक जानने की कोशिश करते हैं बैंक की परिभाषा क्या है और बैंक कितने प्रकार के होते हैं । क्योंकि अक्सर ये प्रश्न प्रतियोगिता परीक्षाओ में पूछे जाते हैं, जिसका जवाब सभी छात्रो को अवश्य होना चाहिए ।
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बैंक की परिभाषा एवं प्रकार (Bank Ki Paribhasha Evam Prakar) |
भारतीय बैंकों के प्रकार
1. केंद्रीय बैंक (Central Bank)
2. वाणिज्यिक बैंक (Commercial Bank)
3. सहकारी बैंक (Cooperative Bank)
4. विकास बैंक (Development Bank)
केंद्रीय बैंक की परिभाषा
केंद्रीय बैंक किसी भी देश या अन्य क्षेत्र का एकमात्र ऐसा सर्वोच्च संस्थान होता है, जिसके द्वारा देश की मुद्रा नीति का संचालन, बैंकिंग व्यवस्था की निगरानी और देश की मुद्रा जारी करने का अधिकार प्राप्त होता है । भारत का केंद्रीय बैंक रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया है, जिसके द्वारा भारत की आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए बैंकिंग एवं वित्तीय संरचना के व्यवस्थापन, संचालन, पर्यवेक्षण, विनियमन और विकास के लिए कार्य करता है ।
वाणिज्यिक बैंक की परिभाषा
वाणिज्यिक बैंक, व्यापारिक बैंक या व्यवसायिक बैंक वे वित्तीय संस्थाएं होती है, जिसके द्वारा लाभ कमाने की मकसद से जनता के धन जमा स्वीकार और जरूरत पड़ने पर ऋण उपलब्ध कराने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बैंकिंग सुविधाएं प्रदान किया जाता हो । भारत में सरकारी क्षेत्र के व्यापारिक बैंक, प्राइवेट क्षेत्र के व्यापारिक बैंक और विदेशी क्षेत्र के व्यापारिक बैंक मौजूद है । जैसे की - भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक आदी ।
सहकारी बैंक की परिभाषा
सहकारी बैंक वे बैंक होते हैं, जिसका गठन एवं कार्य सहकारिता के आधार पर होता है । भारत के अधिकांश भागों में सहकारी बैंक हैं । सहकारी बैंकों का मुख्य लक्ष्य रियायती दरों पर ऋण प्रदान करके सामाजिक कल्याण को प्रोत्साहित करना है । बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, झारखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड आदी ये सभी सहकारी बैंक है । और इन बैंकों का नियन्त्रण एवं निरीक्षण भी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया जाता है ।
विकास बैंक की परिभाषा
विकास बैंक एक ऐसा शिर्षतम वित्तीय संस्थान है, जो जनता से सीधे जुड़कर कार्य नही करता बल्कि विशेष क्षेत्रों को जैसे की- औद्योगिक, कृषि एवं अन्य प्रकार के विकास निर्माण हेतू लम्बी अवधि के लिए ऋण प्रबंध और वित्तीय सलाह देने का कार्य करता है । उदाहरण- राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक को विकास बैंक के रूप में जाना जा सकता है ।
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