अगर आप अनुसूचित और गैर-अनुसूचित बैंक में क्या अंतर है? जाननें आयें है तो आपको अवश्य ही पता होगा भारतीय रिज़र्व बैंक एक्ट, 1934 के अनुसार भारत में बैंकों को दो समूहों अनुसूचित और गैर-अनुसूचित में विभाजित किया गया है । जैसे की भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची में शामिल बैंकों को अनुसूचित बैंक और जो बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के द्वितीय अनुसूची में शामिल नही है उसे गैर-अनुसूचित बैंक कहा जाता है । भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक, विदेशी क्षेत्र के बैंक ये सभी अनुसूचित बैंक के रूप है एवं गैर-अनुसूचित बैंकों में को-आपरेटिव बैंक शामिल होते है जो की राज्य स्तर, जिला स्तर और प्राइमरी स्तर पर फैले होते हैं । चलिए अब सिधे मुद्दे पर बात करतें है अनुसूचित और गैर-अनुसूचित बैंक में अंतर क्या है?
अनुसूचित और गैर-अनुसूचित बैंक में क्या अंतर है? - Difference Between Scheduled And Non-Scheduled Bank |
अनुसूचित और गैर-अनुसूचित बैंक में अंतर - Difference Between Scheduled And Non-Scheduled Bank
अनुसूचित बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल हैं, जबकि गैर-अनुसूचित बैंक रिज़र्व बैंक की दूसरी अनुसूची में शामिल नही होतें हैं ।
अनुसूचित बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक से दिन प्रति-दिन की बैंकिंग गतिविधियों के लिए धन उधार लेने की अनुमति है जबकि गैर-अनुसूचित बैंकों को अनुमति नहीं होती है ।
अनुसूचित बैंक जमाकर्ताओं के हितों का ध्यान रखतें है जबकि गैर-अनुसूचित बैंक ऐसा नहीं करतें है क्योंकि वे भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य नही होतें हैं ।
अनुसूचित बैंकों को “नकद आरक्षी अनुपात” की रकम भारतीय रिज़र्व बैंक के पास जमा करना आवश्यक है जबकि गैर-अनुसूचित बैंक बाध्य नही है “नकद आरक्षी अनुपात” की राशि अपने पास जमा रख सकते हैं ।
अनुसूचित बैंक चाहें तो क्लीयरिंग हाउस का सदस्य बन सकते हैं जबकि गैर अनुसूचित बैंक क्लीयरिंग हाउस का सदस्य नहीं बन सकते हैं ।
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