चालू खाते के फायदे और नुकसान (Chalu Khate Ke Fayde Aur Nuksan)

चालू खाते के फायदे और नुकसान (Chalu Khate Ke Fayde Aur Nuksan) के बारें में जानने आयें हैं तो शायद आपको पता होगा, चालू खाता एक प्रकार का ऐसा बैंक खाता होता है, जिसे खास तौर पर व्यापारियों के जरुरत को ध्यान में रख कर बनाया गया है । यानि एक व्यापारी को प्रत्येक दिन अनेको बार पैसो का लेन देन करना पड़ता है, और इस प्रकार के लेन-देन केवल चालू खाता के जरिए किया जा सकता है, क्योंकि अन्य खातों के मुक़ाबले चालू खाते में प्रतिदिन जमा निकासी पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नही होता है, लेकिन हमें ये भी याद रखना चाहिए, इस खाते के फायदे है तो कुछ नुकसान भी है, आईंये जिसके बारें में विस्तारपूर्वक बात करते है । 



चालू खाते के फायदे और नुकसान (Chalu Khate Ke Fayde Aur Nuksan)
चालू खाते के फायदे और नुकसान (Chalu Khate Ke Fayde Aur Nuksan)




चालू खाते के फायदे (Advantages Of Current Account In Hindi)


चालू खाते के निम्नलिखित फायदे है-


ओवरड्राफ्ट सुविधा- चालू खाताधारक ओवरड्राफ्ट के अंतर्गत अपने खाते में जमा रकम से अधिक पैसे निकाल सकता है ।


कोई सीमा नहीं- चालू खाताधारक प्रतिदिन अनलिमिटेड लेन देन कर सकता है, इसके लिए किसी प्रकार का शुल्क नही लगता है ।


बैंकिंग सेवाएं- बचत खाता की तरह चालू खाताधारको को भी नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, डेबिट कार्ड वैगरह की सुविधाए मिल जाती है ।


अन्य सुविधा- चालू खाताधारक अपने लेनदारों को चेक, पे आर्डर, डिमांड ड्राफ्ट प्रत्यक्ष रूप से भुगतान करने के लिए जारी कर सकता है ।


पूर्ण नियंत्रण- कोई भी उद्यमी या चालू खाताधारक अपने खाते के माध्यम से कभी भी और कही भी और अनेको जगहों पर फंड निकाल एवं ट्रांसफर कर सकता है ।



चालू खाता के नुकसान (Disadvantages Of Current Account In Hindi)


चालू खाते के निम्नलिखित नुकसान है-


न्यूनतम बैलेंस अनिवार्य- खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाये रखना अनिवार्य है, ऐसा नही करने पर बैंक जुर्माना वसूल करता है ।


कोई ब्याज नही- चालू खाते पर किसी प्रकार का ब्याज नही मिलता है, जिसका सबसे बड़ा नुकसान खाताधारको होता है । 


अतिरिक्त शुल्क- चालू खाता को नियमित रूप से अपडेट करने में खाताधारक पर कुछ अतिरिक्त बोझ पड़ता है, क्योंकि अधिकांश पैकेज अतिरिक्त सेवाओं के लिए अतिरिक्त चार्ज करते हैं ।


लम्बी प्रक्रिया- इस प्रणाली में कागज़ी कार्यवाही अधिक होने के कारण से यह समय खाने वाला और लम्बा कार्य हो जाता है, अर्थात इसमें अधिक समय लग जाता है ।


अधिक फीस- कॉर्पोरेट बिजिनेस ट्रांसक्शन की वजह से बैंको को अधिक फीस देनी हो सकती है ।



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