केंद्रीय बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए इस प्रश्न का उत्तर शायद आपको प्रतियोगिता परीक्षाओ में देने पर सकते है, इसीलिए अगर आप किसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो ये आर्टिकल आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है । दोस्तों सबसे पहले यदि बात किया जाए भारत का केंद्रीय बैंक कौन सा है तो हमलोग अच्छी तरह जानतें है भारत का केंद्रीय बैंक "भारतीय रिज़र्व बैंक" है जिसकी स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत सन 1 अप्रैल 1935 में किया गया था और इसका राष्ट्रीयकरण 1949 में केंद्रीय बैंक के रूप में हुआ था, और तब से लेकर अब तक भारतीय रिज़र्व बैंक केन्द्रीय बैंक का दायित्व बेहतर ढंग से निभा रहा है । आईयें विस्तार से जानने की कोशिश करते है केंद्रीय बैंक के कार्य क्या है Kendriya Bank Ke Karya Kya Hai
केंद्रीय बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए |
केंद्रीय बैंक के प्रमुख कार्य Kendriya Bank Ke Karya
1. सरकार के बैंकर, एजेंट और सलाहकार के रूप में कार्य
भारतीय रिज़र्व बैंक (सेन्ट्रल बैंक) भारत सरकार का बैंक, एजेंट एवं वित्तीय परामर्शदाता के रूप में कार्य करता है । यानि जरूरत परने पर केंद्रीय बैंक सरकार को ऋण देने और सरकार के लिए प्रतिभूतियो, ट्रेजरी बिलों आदि का भी क्रय-विक्रय करता है । देश का सर्वोच्च बैंक होने के नाते यह सरकार के आर्थिक, वित्तीय एवं मौद्रिक संबंधित सलाह देने के कार्य भी करता है ।
2. देश के मुद्रा छापने और जारी करने के कार्य
किसी भी देश का नोट छापने और जारी करने के कार्य उस देश के केंद्रीय बैंक करता है, भारत का केंद्रीय बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक है, इसलिए भारत में सभी प्रकार के नोट भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा छापे और जारी किए जाते है क्योंकि भारतीय रिज़र्व बैंक को ये अधिकार प्राप्त है, केवल एक रूपए की नोट भारत सरकार के वित्त मंत्रालय जारी करता है ।
3. सभी व्यावसायिक बैंकों का नियंत्रण कार्य
भारतीय रिज़र्व बैंक को भारत का सर्वोच्च बैंक का पद प्राप्त है, इसलिए भारतीय रिज़र्व बैंक को बैंकों का बैंक भी कहा जाता है क्योंकि सभी व्यावसायिक बैंकों के लेखा-जोखा पर भारतीय रिज़र्व बैंक नज़र रखता है । व्यावसायिक बैंकों का लाइसेंस जारी रिज़र्व बैंक द्वारा ही किए जाते है एवं सभी व्यावसायिक बैंकों को रिज़र्व बैंक के नियम आदेश का पालन करना परता है ।
4. विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षण कार्य
विदेशी विनिमय दर को स्थिर रखने के उद्देश्य से केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्राओं को खरीदता और बेचता भी है एवं देश के विदेशी मुद्रा भंडार की सुरक्षा करना केंद्रीय बैंक की अहम जिम्मेदारी है । विदेश विनिमय बाज़ार में जब विदेशी मुद्रा की आपूर्ति कम हो जाती है तो केंद्रीय बैंक बाजार में विदेशी मुद्रा को बेचती है जिससे कि इसकी आपूर्ती बढाई जा सके और जब विदेशी मुद्रा की आपूर्ति अर्थव्यवस्था में बढ़ जाती है तो केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा बाजार से विदेशी मुद्रा को खरीदने का कार्य भी है ।
5. अंतिम ऋणदाता का कार्य
आम नागरिकों को ऋण की जरूरत परने पर व्यावसायिक बैंक से कर्ज लेता है और जब व्यावसायिक बैंकों को पैसे की आवश्यकता पर जाती है तो केंद्रीय बैंक ऋण देने का कार्य करता है लेकिन केंद्रीय बैंक उधार देने के लिए व्यावसायिक बैंकों से कुछ जमा लेते है । सरकार को ऋण देने का कार्य भी केंद्रीय बैंक करता है ।
6. देश के आर्थिक विकास हेतु प्रोत्साहन कार्य
केंद्रीय बैंक देश के आर्थिक विकास के लिए कई तरह के विकासात्मक तथा प्रोत्साहन संबंधी कार्य करते हैं । एक ओर वह मुद्रा तथा पूंजी बाजार का विकास करता है तथा दूसरी ओर देश के आर्थिक विकास हेतु व्यावसायिक बैंकों के माध्यम से कृषि तथा उद्योग, व्यापार क्षेत्र को उचित मूल्य पर वित्त प्रदान कराता है ।
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