भारत में वित्तीय वर्ष कब से कब तक होता है (Bharat Me Vittiya Varsh Kab Se Kab Tak Hota Hai) जानने आयें है तो आपका स्वागत है, दोस्तों जैसा की आपको भलीभांति पता होगा 'बजट' एक प्रकार का ऐसा शब्द है यानि सरल शब्दों 'बजट' के संदर्भ में बात किया जाए तो जिस तरह से एक समझदार व्यक्ति अपने प्रत्येक छोटे बड़े काम या कोई भी खर्चे या निवेश में बजट बनाकर कार्य करता है, ठीक उसी प्रकार सरकार भी अपने मुख्य कार्य, आय-व्यय का लेखा-जोखा बजट बनाकर ही करती है, और इसके लिए प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा जनता के समक्ष बजट प्रस्तुत किया जाता है । यदि आप एक भारतीय नागरिक है तो अवश्य ही पता होना चाहिए भारत में वित्तीय वर्ष का प्रारंभ कब हुआ? भारत का वित्तीय वर्ष कौन सा है? यानि भारत में वित्तीय वर्ष का कार्यकाल कितना है?
भारत में वित्तीय वर्ष कब से कब तक होता है? |
भारत में वित्तीय वर्ष का प्रारंभ कब हुआ?
'जेम्स विल्सन' को भारतीय बजट का संस्थापक कहा जाता है क्योंकि भारत में वित्तीय वर्ष की पहला बजट 'जेम्स विल्सन' द्वारा 18 फरवरी 1860 को पेश किया गया था, शुरुआत में 1 मई से 30 अप्रैल तक का वित्तीय वर्ष हुआ करता था, परंतु कुछ वर्ष बाद 1867 से भारत मे वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक कर दिया गया था । यहां पर याद रखने योग्य बातें ये भी है कि जेम्स विल्सन ही भारत में इनकम टैक्स कानून लाये थे ।
भारत में वित्तीय वर्ष कब से कब तक होता है?
भारत में वित्तीय वर्ष का कार्यकाल एक वर्ष का होता है यानि प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च तक चलता है । स्वतंत्र भारत में देश का पहला वित्तीय बजट भारत के प्रथम वित्त मंत्री आर के शनमुखन चेट्टी द्वारा 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था एवं सन 1958-59 में देश के तत्कालीन प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने देश का बजट पेश किये थे, क्योंकि उस समय वित्त मंत्रालय नेहरू जी के पास ही था और ऐसा करने वाले वे देश के पहले प्रधानमंत्री बने ।
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