चेक कितने प्रकार के होते हैं (Types Of Cheque In Hindi) इसके बारें में बताने से पहले संक्षेप में बताना चाहुंगा शायद आप जानते भी होंगे प्रत्येक बैंक अपने अकाउंट होल्डर को चेकबुक की सुविधा उपलब्ध कराती है, चेक एक प्रकार का ऐसा कागज़ात है जिसका उपयोग अकाउंट होल्डर सामने वाले व्यक्ति को कैस न देकर चेक के जरिए आसानी से भुगतान कर सकता है यानि संक्षेप में कहा जाए तो चेक बिना कैस के भुगतान है लेकिन यहां पर याद रखने योग्य बाते है चेक कई प्रकार के होते है जिसके बारें में अधिकांश लोगों को पता नही होता इसलिए मैनें सोचा चेक के प्रकार के विषय में आपलोगों को बताउ । चेक कितने प्रकार के होते हैं यदि आप नही जानते जानने की इच्छुक है तो आपको पुरी आर्टिकल पढ़ने के बाद Cheque Kitne Prakar Ke Hote Hai अवश्य ही पता चल जाएगी ।



चेक कितने प्रकार के होते हैं (Types Of Cheque In Hindi)
चेक कितने प्रकार के होते हैं (Types Of Cheque In Hindi)




स्थान के आधार पर चेको का वर्गीकरण (Classification Of Checks By Location)


स्थानीय चेक (Local Cheque):- जो चेक एक ही शहर के बैंक में क्लियर हो जाता है यानि दिल्ली का चेक दिल्ली में ही क्लियर हो जाता है तो उस चेक को स्थानीय चेक कहा जाता है, स्थानीय चेक क्लियर करवाने के लिए अलग से किसी भी प्रकार का चार्ज देना नही पड़ता है ।


बाहरी चेक (Outstation Cheque):- जब किसी एक शहर का चेक दूसरे शहर में क्लियर करवाया जाता है यानि दिल्ली का चेक बांबे में क्लियर करवाने के स्थिति में उस चेक को बाहरी चेक कहा जाता है । बाहरी चेक को क्लियर करवाने के लिए बैंक अपना चार्ज वसूल करता है । 


एट पार चेक (At Par Cheque):- इस प्रकार के चेक को पुरे देश के किसी भी बैंक शाखा में क्लियर करवाया जा सकता है । इस तरह के चेक की खासियत कि बात किया जाए तो क्लियर करवाने के लिए अतिरिक्त चार्ज देना नहीं पड़ता है ।



मूल्य के आधार पर चेको का वर्गीकरण (Classification Of Checks By Value)


साधारण मूल्य वाले चेक (Normal Value Cheques):- एक लाख रूपए से कम मूल्य वाले चेक को साधारण मूल्य वाले चेक कहे जाते है । 


ऊँचे मूल्य वाले चेक (High Value Cheques):- इस प्रकार के चेक एक लाख से अधिक मूल्य वाले चेक होते है।

 

उपहार चेक (Gift Cheques):-  किसी को कोई चेक उपहार के रूप में देने पर वह उपहार चेक कहलाता है, जिसमें 100 रूपये से लेकर 10000 हजार रूपये तक हो सकती है ।



चेक के प्रकार (Types of Cheque)


चेक निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-


1. खुला चेक (Open Cheque):- इस प्रकार के चेक को बैंक में ले जाकर तुरंत नगद प्राप्त या अकाउंट में ट्रान्सफर करवाया जा सकता है यानि खुला चेक तुरंत क्लियर हो जाता है इंतजार करने की जरुरत नही होती है ।


2. आदेश चेक (Order Cheque):- आदेश चेक पर चेक रकम प्राप्तकर्ता व्यक्ति के नाम के साथ "Order" लिख दिया जाता है, बैंक इस प्रकार के चेक का भुगतान केवल उसी व्यक्ति को करता है जिसका नाम चेक पर होता है, चेक धारणकर्ता व्यक्ति चेक के भुगतान के रूप में कैस न लेकर अपने अकाउंट में ट्रान्सफर या चेक के पीछे हस्ताक्षर करने के उपरांत किसी अन्य व्यक्ति को अधिकृत कर सकता है ।


3. वाहक चेक (Bearer Cheque):- जब अकाउंट होल्डर चेक पर "Order" की जगह "Bearer" लिख देता है तो अकाउंट होल्डर का कोई भी आदमी बैंक में जाकर उस चेक को भुना सकता है । वाहक चेक जोखिम भरा होता है क्योंकि चेक किसी कारणवश गुम हो जाने के स्थिति में कोई भी अन्य व्यक्ति बैंक में ले जाकर भुना सकता है ।


4. रेखांकित चेक (Crossed Cheque):- इस प्रकार के चेक खासकर किसी विशेष व्यक्ति या संस्था के नाम पर लिखा जाता है यानि चेक के ऊपर बायीं तरफ समान्तर दो तिरछी लाइन खिचा जाता है और लाइन के बिच में “Account Payee” लिखा या नही भी हो सकता होता है । रेखांकित चेक की रकम नगद प्राप्त नही किया जा सकता केवल अकाउंट में ही ट्रान्सफर किया जाता है ।



गारंटी भुगतान के आधार पर चेको का वर्गीकरण (Classification Of Checks Based On Guarantee Payment)

 

1. सेल्फ चेक (Self Cheque):- सेल्फ चेक उस चेक को कहा जाता है जिस चेक को अकाउंट होल्डर खूद लेकर बैंक में भुगतान प्राप्त के लिए जाते है । सेल्फ चेक कि बात किया जाए तो इस चेक पर भुगतान पाने वाले व्यक्ति के नाम की जगह "Self" लिखा होता है।


2. आगे की तारीख वाला चेक (Forward Date Check):- जिस चेक में आगे की तिथि अंकित कर दी जाती है उस चेक का भुगतान अंकित तिथि या उस तिथी के बाद ही होता है ।


3. पीछे की तारीख वाला चेक (Back Dated Check):- जिस चेक में पीछे की तिथि अंकित की जाती है उस चेक को पीछे की तारीख वाला चेक कहा जाता है अर्थात इस प्रकार के चेक बैंक में प्रस्तुत करने से पहले की तिथि अंकित होती है ।


4. काल बाधित चेक (Call Barred Check):- प्रायः सभी प्रकार के चेको के लिए नियम है कि उस पर अंकित तिथि से तीन महीने के अन्दर भुनाना पड़ता है, ऐसा नही करने पर यह चेक काल बाधित चेक कहलाता है और बैंकों द्वारा स्वीकार नही किये जाते है ।



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