कोऑपरेटिव बैंक सरकारी है या प्राइवेट Cooperative Bank Sarkari Hai Ya Private इसके बारे में बात करना अत्यंत आवश्यक है । क्योंकि वर्तमान समय में विश्व के अधिकांश भागों में कोऑपरेटिव बैंक हैं जो लोगों के पूँजी को जमा करते हैं तथा जरूरत पड़ने पर धन उधार देते हैं । कोऑपरेटिव बैंक वे बैंक होते हैं, जिसका गठन एवं कार्यकलाप सहकारिता के आधार पर होता है । कोऑपरेटिव बैंक में किसी एक का मालिकाना हक नही होता है, इन बैंकों पर सभी सदस्य का अधिकार होता है । यानि कोऑपरेटिव बैंक एक प्रकार का ऐसा वित्तीय संस्थान है जिसका स्वामित्व और नियंत्रण उसके सदस्यों के पास होता है । भारत में इन बैंकों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अधिक साख-सुविधाएं उपलब्ध कराना है ।
कोऑपरेटिव बैंक सरकारी है या प्राइवेट |
कोऑपरेटिव बैंक सरकारी है या प्राइवेट
कोऑपरेटिव बैंकों पर किसी एक का मालिकाना हक नही होता है, इनमें कई सदस्य होते हैं और सभी सदस्य का अधिकार होता है ।
कॉपरेटिव बैंक का मतलब क्या है?
कोऑपरेटिव बैंक वे बैंक हैं जिनका गठन एवं कार्यकलाप सहकारिता के आधार पर होता है । इसका स्वामित्व और नियंत्रण उसके सदस्यों के पास होता है ।
सहकारी बैंकों की निगरानी कौन करता है?
कोऑपरेटिव बैंकों को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) निगरानी करता है ।
सहकारी बैंक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
किसानों और समाज के अन्य कमजोर सदस्यों को कम लागत पर ऋण सेवाएँ प्रदान करना । तथा अपने सदस्यों को बुनियादी बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करना ।
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