शायद आप भलीभांति जानतें होंगे किसी भी देश के अर्थ-व्यवस्था और विकास में उस देश के केंद्रीय बैंक का अहम भूमिका होता है । भारत की बात किया जाए तो भारत का केंद्रीय बैंक रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया है जिसकी स्थापना 1935 में एवं भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीयकरण 1949 में किया गया था और उस वक्त से लेकर वर्तमान समय में भारत का सर्वोच्च बैंक यानि केंद्रीय बैंक के रूप में कार्य कर रही है । रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया पुर्ण रूप से सरकार का स्वामित्व वाला बैंक है एवं सरकार के दिशानिर्देश पर कार्य भी करता है । दोस्तों इस लेख में केंद्रीय बैंक के पांच प्रमुख कार्य के बारें में चर्चा करने जा रहे है । अगर आप जानने के लिए इच्छुक है तो अवश्य ही पूरी आर्टिकल को पढ़िये । चलिए अब सिधे मुद्दे पर बात करतें है केंद्रीय बैंक के कार्य क्या है यानि रिज़र्व बैंक के कार्य क्या है ।




केंद्रीय बैंक के पांच प्रमुख कार्य Kendriya Bank Ke Pramukh Karya
केंद्रीय बैंक के पांच प्रमुख कार्य Kendriya Bank Ke Pramukh Karya




केंद्रीय बैंक के पांच प्रमुख कार्य Kendriya Bank Ke Pramukh Karya


केंद्रीय बैंक के पांच प्रमुख कार्य निम्नलिखित प्रकार के है:-


1. बैंक और सलाहकार के रूप में कार्य

2. देश की मुद्रा छापने के कार्य

3. वाणिज्यिक बैंकों का निरीक्षण कार्य

4. विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षण कार्य

5. आर्थिक विकास का प्रोत्साहन कार्य 



सरकार के बैंक और सलाहकार के रूप में कार्य


रिज़र्व बैंक (Central Bank) भारत सरकार का बैंक, एजेंट एवं वित्तीय परामर्शदाता के रूप में कार्य करता है । यानि जरूरत परने पर केंद्रीय बैंक सरकार को बिना ब्याज ऋण देने तथा सरकार के लिए प्रतिभूतियो, ट्रेजरी बिलों आदि का भी क्रय-विक्रय करता है । देश का सर्वोच्च बैंक होने के नाते यह सरकार के आर्थिक, वित्तीय एवं मोद्रिक विषयों पर सलाह देने के कार्य भी करता है ।


देश के मुद्रा छापने और जारी करने के कार्य


किसी भी देश का नोट छापने और जारी करने के कार्य वहां के केंद्रीय बैंक करता है क्योंकि देश के सरकार द्वारा नोट छापने और जारी करने का अधिकार केवल केंद्रीय बैंक को प्राप्त होता है । भारत में सभी प्रकार के नोट रिजर्व बैंक द्वारा छापे और जारी किए जाते है । केवल एक रूपए की नोट भारत सरकार के वित्त मंत्रालय जारी करता है ।


सभी वाणिज्यिक बैंकों का निरीक्षण कार्य


रिज़र्व बैंक को बैंकों का बैंक भी कहा जाता है क्योंकि आम लोगों का अकाउंट वाणिज्यिक बैंक में होता है और वाणिज्यिक बैंक का अकाउंट केंद्रीय बैंक में होता है । एवं सभी वाणिज्यिक बैंकों का लाइसेंस जारी, लाइसेंस रद्द, ऋण देने, वाणिज्यिक बैंकों को एक दूसरे में विलय से लेकर वाणिज्यिक बैंक के अन्य सभी कार्यो पर नजर रखने के काम केंद्रीय बैंक यानि रिज़र्व बैंक करता है ।


विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षण कार्य


विदेशी विनिमय दर को स्थिर रखने के उद्देश्य से केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्राओं को खरीदता और बेचता भी है एवं देश के विदेशी मुद्रा भंडार की सुरक्षा भी करता है । विदेश विनिमय बाज़ार में जब विदेशी मुद्रा की आपूर्ति कम हो जाती है तो केंद्रीय बैंक द्वारा बाजार में विदेशी मुद्रा को बेचा जाता है जिससे कि इसकी आपूर्ती बढाई जा सके और जब विदेशी मुद्रा की आपूर्ति अर्थव्यवस्था में बढ़ जाती है तो केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा बाजार से विदेशी मुद्रा को खरीदता है ।


आर्थिक विकास का प्रोत्साहन कार्य 


केंद्रीय बैंक देश के आर्थिक विकास के लिए कई तरह के विकासात्मक तथा प्रोत्साहन संबंधी कार्य करते हैं । एक ओर वह मुद्रा तथा पूंजी बाजार का विकास करता है तथा दूसरी ओर देश के आर्थिक विकास हेतु कृषि तथा उद्योगों को उचित वित्त प्रदान भी करता है । यह आर्थिक नियोजन की सफलता के लिए पर्याप्त वित्त भी प्रदान करता है ।



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