No Cost EMI क्या होता है? - आईयें जानते है क्योंकि आपने देखा होगा जब भी कुछ ख़रीदारी करने के लिए कोई शापिंग साईट पर जातें है तो सामान (Product) के नीचे No Cost EMI का ऑप्शन होता है या ऑफलाईन इलेक्ट्रॉनिक दूकानों पर भी No Cost EMI का पोस्टर्स देखने को मिल जाता है । नो कॉस्ट ईएमआई का मतलब क्या होता है? अधिकांश लोग कंफ्यूज होते है यदि आप भी अभी तक नो कॉस्ट ईएमआई क्या होता है? इसके बारें में नही जानते कंफ्यूज है जानना चाहते है तो चलिए बिना देर किए विस्तार से समझने की कोशिश करते है आखिर No Cost EMI का मतलब क्या होता है? No Cost EMI के फायदें क्या है? और No Cost EMI के नुकसान क्या है?




No Cost EMI क्या होता है? जानिए इसके फायदे और नुकसान
No Cost EMI क्या होता है? जानिए इसके फायदे और नुकसान




EMI क्या होता है? - What Is EMI In Hindi


No Cost EMI Kya Hota Hai- इसके बारें में जानने से पहले EMI क्या होता समझना जरूरी है । EMI का फुल फाॅर्म इंन इंग्लिश Equated Monthly Installment होता है जिसे हिंदी में "सामान्य मासिक किस्ते" कहा जाता है । अक्सर कंपनियां अपनी प्रोडक्ट ईएमआई पर बेचता (Sell) रहता है । EMI एक ऐसी व्यवस्था है जिसके तहत अगर किसी व्यक्ति के पास क्रेडिट कार्ड है तो वह कार्ड के उपयोग से कोई भी समान (Product) के कुल किमत दिये बिना भी मासिक किस्तों पर खरीद सकता है और समान की कुल किमत समानांतर छोटी छोटी रकम द्वारा चुकता कर सकता है ।



EMI के प्रकार - Types Of EMI In Hindi 


अक्सर शापिंग साईट पर या ऑफलाईन दूकानो में प्रोडक्ट नीचे दिये गए निम्न प्रकार के EMI पर बेचा (Sell) किया जाता है:-


1. EMI (सामान्य मासिक किस्त)

2. No Cost EMI (ब्याॅज फ्री मासिक किस्त)



नो कॉस्ट ईएमआई क्या होता है? - What Is No Cost EMI In Hindi


सबसे पहले EMI (सामान्य मासिक किस्त) की बात किया जाए तो इसके तहत कोई भी प्रोडक्ट ख़रीदारी करने पर प्रोडक्ट की कुल किमत के साथ-साथ प्रोसेसिंग फिस एवं कुछ ब्याॅज भी देना पड़ता है जो की प्रत्येक मासिक किस्त में जोड़कर लिया जाता है जबकि No Cost EMI (ब्याॅज फ्री मासिक किस्त) के तहत कोई भी प्रोडक्ट ख़रीदारी करने पर केवल प्रोडक्ट की कुल किमत मासिक किस्तों में देना होता है ।


उदाहरण:- जैसे की अगर कोई प्रोडक्ट 12000 रूपय में No Cost EMI के तहत बेचा जा रहा है और इस प्रोडक्ट को 3 किस्तों के आधार पर ख़रीदारी की जाए तो 4000×3=12000 रूपए ही देने होंगे है जबकि EMI (सामान्य मासिक किस्त) के तहत प्रोडक्ट के कुल किमत पर ब्याॅज लिया जाता है यानि कि 12000 की प्रोडक्ट क्रमश: 13000 से 14000 हजार रूपए के पड़ सकता है एवं मासिक किस्त बढ़ाकर लिये जाते है ।



नो कॉस्ट ईएमआई के फायदें - Benefits Of No Cost EMI In Hindi


  • प्रोडक्ट की ख़रीदारी आसान हो जाता है ।


  • एक बार में प्रोडक्ट की कुल किमत नही देना होता है ।


  • प्रोडक्ट की खरीदारी पर ब्याॅज नही लगता है ।



नो कॉस्ट ईएमआई के नुकसान - Disadvantages of No Cost EMI


  • अक्सर कम बिकने वाला ही प्रोडक्ट नो कॉस्ट ईएमआई पर बेचा जाता है ।


  • अधिकांश लोग नो कॉस्ट ईएमआई के चक्कर में बिना मतलब के खरीदारी कर लेते है ।

  • समय पर ईएमआई ना भरने के स्थिति में पेनाल्टी लगाया जाता है ।


  • कभी कभी नो कॉस्ट ईएमआई वाले प्रोडक्ट पर भी ब्याॅज लिया जाता है । प्रोडक्ट लेने से पहले ईएमआई चेक अवश्य करना चाहिए। 

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